जनपद सीईओ तपस्या जैन का एक और कारनामा
मनमाने तरीके से कर दिया तक़रीबन डेढ़ करोड़ का भुगतान
अपनी पसंद की पंचायतों को किया भुगतान,कमीशनखोरी के लग रहे आरोप
एक दिन में 1 करोड़ 38 लाख की राशि का किया भुगतान, एसडीओ को किया किनारे
पन्ना – {sarokaar news} जिले में राजनीतिक उदासीनता के कारण भ्रष्ट अधिकारी खूब फल फूल रहे हैं तथा अपनी मनमानी करते हुए शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनायें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहीं हैं, जिसको देखने और रोकने वाला कोई नहीं है। अधिकारियों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार पर कार्यवाही न होने अधिकारीयो के होसले बुलन्द है। अधिकारियों की उन्मुक्त कार्यशैली की शिकायते होने के बावजूद जांच के नाम पर क्लीनचिट देने का खेल खेला जाता है तथा अधिकतर शिकायतों पर कार्यवाई नहीं होती। जनपद पंचायत पन्ना में पदस्थ सीईओ जैन द्वारा शिकायतों को गंभीरता पूर्वक न लेने तथा समयसीमा बीत जाने के बाद भी शिकायतों का निराकरण न करने के चलते अभी हाल में शासन द्वारा नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। शासन की मंशा के विपरीत अपनी मनमर्जी से कार्य करने के लिए विख्यात सीईओ तपस्या जैन का एक और कारनामा सामने आया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा मनरेगा योजना एवं पंच परमेश्वर योजना के तहत ग्राम पंचायतो को विकास कार्य कराने के लिए द्वारा का बजट आवंटित किया है। उक्त राशि पंचायतो के विकास मे न लग कर फर्जी बिल बाउचर बनाकर मटेरियल तथा मजदूरी के नाम पर अधिकारियों की साठ गाठ से बंदरबांट कर दी जाती है। पूरे जिले की ग्राम पंचायतों में विभिन्न निर्माणकार्यों में सप्लाई किये गये मटेरियल सप्लाई वेंडर की गहनता से जांच की जाए तो भारी भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। फर्जी मटेरियल सप्लायर के वेन्डर बने हुए है जिनके बिल लगाकर उन्हे भुगतान दर्शाकर राशि हडप ली जाती है इसी प्रकार मशीनो से कार्य कुछ प्रतिशत करा कर चिन्हित मजदूरो के नाम मजदूरी डालकर खातो से राशि निकलवाकर हजम कर ली जाती है। पूरे जिले मे यह भ्रष्टाचार का खेल निर्वाध रूप से चल रहा है।
पन्ना जनपद पंचायत मे जब से मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में तपस्या जैन द्वार प्रभार लिया गया है तबसे जनपद में नियम कानून को ताक पर रखकर व्यापक स्तर पर चहेते उपयंत्रियों की पंचायतो मे मटेरियल एवं मजदूरी के नाम पर राशि डालकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। अभी हाल ही मे इनके द्वारा पन्ना जनपद के अंतर्गत आने वाली दर्जन भर पंचायतों को 22/07/2019 को एक करोड़ 38 लाख रूपए का भुगतान नियमों को दरकिनार करते हुए कर दिया गया। ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों की तकनीकी जाँच तथा भुगतान की स्वीकृती जनपद पंचायत के तकनीकी अधिकारी सहायक यंत्री द्वारा की जाती है किन्तु जनपद सीईओ द्वारा मनमाने तरीके से सहायक यंत्री के हस्ताक्षर बिना इतनी बड़ी राशि जारी कर दी गयी।
1 करोड 38 लाख का भुगतान मनरेगा योजना के तहत नियम विरुद्ध इन पंचायतो को दिया गया – जिसमे बडगडी खुर्द 34 लाख, मोहनपुरवा 17 लाख, रानीगंज पुरवा 13 लाख, रानीपुरा 18 लाख, रंजौर पुरवा 21 लाख, तालगांव 13 लाख, सकरिया 10 लाख रूपए की राशि जारी कर देने से जनपद सीईओ तपस्या जैन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। कहा जा रहा है कि जिन पंचायतों के मटेरियल सप्लायर वेंडरों को भुगतान किया गया है वह फर्जी हैं तथा अधिकाँश मटेरियल सप्लायर की कहीं फर्म ही नहीं है। जनपद सीईओ द्वारा राशि आवंटन का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है, कहा जा रहा है कि इस मामले की जाँच की आंच से सीईओ का बचना मुश्किल है।
जनपद पंचायत पन्ना में पदस्थ सहायक यंत्री रोहित मालवीय का कहना है कि ग्राम पंचायतो मे मनरेगा योजना के तहत जो भी निर्माण कार्य होते है उसके भुगतान के पूर्व तकनीकी स्वीकृति हमारे द्वारा निर्माण कार्य देखकर दी जाती है लेकिन मेरी जानकारी मे मेरे द्वारा भुगतान के संबंध मे किसी प्रकार की कोई स्वीकृति नही दी गई, यदि इस प्रकार से भुगतान किया गया है तो यह नियम विरूद्ध है।

जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी मनीष शर्मा ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार बदल गयी है और अभी भी अधिकारी समझ रहे हैं कि भ्रष्टाचार करेंगे और बच जाएंगे। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जिला भर के अधिकारियों कर्मचारियों को चेताते हुए उन्होंने कहा है कि अधिकारी/ कर्मचारी ईमानदारीपूर्वक कार्य करें उन्हें उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का इनाम दिए जाने के लिए प्रदेश सरकार से अनुसंशा की जायेगी और अगर कोई अधिकारी/कर्मचारी जिला में भ्र्ष्टाचार में संलिप्त है तो उसे किसी भी कीमत में बक्सा नहीं जाएगा। अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है जो आमजन के हितों के लिए प्रयासरत है,सरकार के इस पुनीत प्रयासों के बीच जो भी बाधक बनेगा उस पर कानूनी कार्रवाई होगी।