रिश्वत के मामले में अदालत ने सजा सुनाते हुए 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5 हजार रूपये का लगाया अर्थदण्ड
पन्ना – {sarokaar news} पुलिस आम लोगों की हिफाज़त और अपराध पर नियंत्रण बनाये रखने के लिए काम करती है लेकिन देखा जा रहा है कि नागरिकों के साथ पुलिस का रवैया लगातार गैर जिम्मेदाराना होता जा रहा है। पुलिस के इस प्रकार के आचरण को लेकर समय समय पर पुलिस सुधार और जिम्मेदारी तय करने सम्बन्धी आवाजें उठती रहीं है। समाज में पुलिस की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहती है पुलिस के बिना अपराधमुक्त समाज की कल्पना संभव नहीं है लेकिन अपने उत्तरदायित्वों के विपरीत जब पुलिस आचरण करती है तो समाज के लोगों में भय और पुलिस के प्रति अविश्वास बढ़ता है। पुलिस जब अपने नागरिकों का शोषण करने लगती है तब अदालतें यह बताने में देर नहीं करतीं है कि कानून से बड़ा कोई नहीं है। दोषियों को सजा देकर समाज में कानूनराज की बहाली का प्रयास करतीं हैं ताकि समाज में शान्ति और नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रहें।

ऐसे ही एक मामले में सजा सुनाते हुए अदालत ने अपनी प्रमाणिकता साबित करते हुए रिश्वतखोर पुलिसकर्मी को सलाखों के पीछे भेज दिया। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी आशुतोष दिवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 21/7/16 को फरियादी मोहम्मद नईम,उम्र-37 साल,निवासी-ककरहटी,जिला-पन्ना ने रिश्वत मांग-संबधी एक शिकायती-पत्र पुलिस अधीक्षक,लोकायुक्त सागर को दिया था। कि,दिनॉंक 17/7/16 को ग्राम-ककरहटी में रामअवतार डीमर से फरियादी नईम के मौसी के लडके इदरीश मोहम्मद की मारपीट हो गयी थी जिसकी रिपोर्ट रामअवतार डीमर ने पुलिस चौकी ककरहटी में की थी उक्त रिपोर्ट में क्या कार्यवाही हुई पता करने के लिये फरियादी नईम मोहम्मद ने अपने दोस्त उमा प्रसाद यादव को पुलिस चौकी ककरहटी भेजा। उमा प्रसाद यादव ने वापस आकर बताया कि, पुलिस चौकी ककरहटी के चौकी प्रभारी उदयभान शर्मा ने बताया कि, इदरीश मोहम्मद के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध हो गया है। तथा चौकी प्रभारी उदयभान शर्मा मामले को रफा-दफा करने के लिये 25 हजार रूपये रिश्वत की मांग कर रहे है, दिनांक 19/7/16 को इदरीश मोहम्मद ने चौकी प्रभारी उदयभान शर्मा से बात की, तो उदयभान शर्मा ने बोला कि, 25 हजार रूपये दो, तो मैं तुम्हारा मामला रफा-दफा कर दूंगा। इदरीश मोहम्मद, उदयभान शर्मा को रिश्वत के 25 हजार रूपये नहीं देना चाहता था। बल्कि उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथों पकडवाना चाहता था, ईदरीश,चौकी प्रभारी उदयभान शर्मा से रिश्वत राशि के बारे में बात करने से डर रहा था कि, कही चौकी प्रभारी उदयभान शर्मा उसके साथ मारपीट न कर दे। जिस कारण इदरीश की ओर से फरियादी मोहम्मद नईम ने उदयभान शर्मा से बातचीत की।
फरियादी की शिकायत के सत्यापन के लिये कार्यालय पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के द्वारा एक डिजीटल व्हाइस रिकार्डर फरियादी को दिया गया। और फरियादी से रिश्वत मांग संबंधी बातचीत को रिकार्ड करने के लिये कहा गया। दिनांक 21/7/16 को फरियादी ने पुलिस चौकी ककरहटी में जाकर रिश्वत मांग संबंधी बातचीत को रिकार्ड कर लिया,एवं फरियादी ने बताया कि,बातचीत के दौरान आरोपी उदयभान शर्मा ने रिश्वत में 15 हजार रूपये की मांग की है।
फरियादी द्वारा दिये गये आवेदन पत्र पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर द्वारा ट्रेप कार्यवाही करने का आदेश दिया गया। और पंचसाक्षीगणों को लोकायुक्त सागर में बुलवाया गया और पंचसाक्षीगण के समक्ष फरियादी द्वारा दिये गये आवेदन पत्र तथा व्हाइस रिकार्डर को रखा गया व्हाइस रिकार्डर को बार-बार चलाकर रिश्वत मांग वार्ता संबंधी बातचीत की ट्रांसकिप्ट तैयार की गई,जिसमें रिकार्डेड आवाजों को फरियादी ने सुनकर बताया कि,कौन सी आवाज उसकी और कौन सी आरोपी की है।
इसके बाद फरियादी द्वारा बतौर रिश्वत ली जाने वाली 15 हजार रूपये के नोटों पर पाउडर लगाकर फरियादी को पेंट की जेब में रखवाया गया और फरियादी को आवश्यक समझाइस दी गई। कार्यवाही के दौरान फरियादी ने बताया कि,रिश्वत का लेन-देन चौकी- ककरहटी,जिला-पन्ना में होना है।
दिनाक 22/7/16 को फरियादी मोहम्मद नईम ने आरोपी के शासकीय आवास चौकी ककरहटी पहुंचकर रिश्वत के 15 हजार रूपये दिया, और पूर्व निर्धारित इशारा किया,इसके बाद लोकायुक्त ट्रेप दल ने उक्त रूपये को जप्त कर आरोपी उदयभान शर्मा के विरूद्ध धारा 7,13(1) डी, 13(2) भृ.निवा.अधि. का अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार किया। प्रकरण में अग्रिम विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
मामले की सुनवाई न्यायालय श्री अनुराग दिवेदी,विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) जिला-पन्ना (म.प्र.) के न्यायालय में हुआ। जिसमें अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और न्यायिक-दृष्टांतों के आधार पर, माननीय न्यायालय नें आरोपी को दोषी पाया। न्यायालय से अभियोजन के द्वारा आरोपी को कठोर से कठोर दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया गया, न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुये अभियुक्त उपनिरीक्षक उदयभान शर्मा पिता श्री केवल प्रसाद शर्मा, उम्र-59 साल,ग्राम धरी, थाना-बैकुंठपुर, तह.सिरमौर, जिला रीवा (म.प्र.) को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 5000 रूपये का अर्थदण्ड व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) डी, सहपठित 13(2) में. 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड जमा न करने पर एक-एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से सशक्त पैरवी प्रवीण कुमार सिंह, जिला लोक अभियोजन अधिकारी, पन्ना द्वारा की गई।