भाजपा नेता संजय नगायच पर समाज में नफरत फैलाने का मामला दर्ज

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फोटो साभार फेसबुक : भाजपा नेता संजय नगायच, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ

{sarokaar news} – देश में सरकार समर्थित मुस्लिम विरोधी आवाज़ें चारो ओर गूँज रहीं हैं, हर दिन कोई न कोई ऐरा गैरा सामने आता है और वर्ग विशेष के व्यक्तियों उनके धर्म के खिलाफ घोर आपत्तिजनक बातें कहता है और रातों रात सरकार का चहेता बन जाता है। ऐसे व्यक्तियों को सरकार संरक्षण देती है इसका बड़ा फायदा सत्ता पक्ष को यह होता है कि अन्य लोग भी मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर देते हैं। इस घृणित खेल में सरकार को मिल रही वांछित सफलता ने नफरती भाषण और सोशल मीडिया में मुसलमानों और उनके धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बातें पोस्ट करने की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर दी है।

भाजपा नेता संजय नगाइच पर सोशल मीडिया फेसबुक पर मुसलामानों के खिलाफ घोर आपत्तिजनक पोस्ट करने को लेकर पन्ना कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है। दिनांक 16 अप्रैल को भाजपा नेता संजय नगाइच ने अपने फेसबुक अकाउंट से मुसलमानों को आहत करने और उनके धर्म को लेकर बेहद घटिया और अपमानजनक पोस्ट की गई थी। जिसका संज्ञान लेकर धाम मोहल्ला निवासी मो.रिज़वान तथा अन्य लोगों द्वारा थाने में तहरीर देकर भाजपा नेता संजय नगाइच द्वारा फेसबुक पर की गई आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई करने की मांग की गई। इसके बाद पुलिस ने कल भाजपा नेता संजय नगाइच पर भा.द.सं. 1860 की धारा 295A ,153A ,153B के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

पन्ना पुलिस को दिये गए आवेदन पत्र में उल्लेख है कि भाजपा नेता संजय नगाइच द्वारा अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत कर समाज में उन्माद एवं वैमनस्य फैलाकर खतरे में डालने और दंगों में झोंकने की मंशा से सोशल मीडिया में बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट शेयर की गयी है। इससे समाज का सौहार्द बिगड़ने की संभावना है तथा दो समुदायों के बीच दंगा/बलवा हो सकता है और देश की एकता,अखंडता पर बुरा असर पड़ रहा है।

घंटों की मशक्कत के बाद कल पन्ना पुलिस ने भाजपा नेता संजय नगाइच द्वारा बेहद आपत्तिजनक धर्म विशेष को आहत करने के उद्देश्य से किये फेसबुक पोस्ट पर भा.द.सं. 1860 की धारा 295A ,153A ,153B के तहत मामला कर लिया है।

ऐसी घटनाओं की रोकथाम पर आईपीसी की धारा 295A कहती है कि विमर्शित और विद्वेषपूर्ण कार्य (परामर्श करते हुऐ घृणित आशय से परिपूर्ण कार्य) जो किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से किए गए हो। इसके अंतर्गत तीन वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना अथवा दोनो का भागीदार होगा तथा यह एक अजमानती, संज्ञेय अपराध है।

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की धारा 153A के अंतर्गत यदि हम किसी धर्म (जाति और समुदाय) या संप्रदाय अथवा किसी धार्मिक भावनाओं पर कोई ऐसा कार्य समूहों द्वारा किया जाता है, जिससे लोक शांति में बाधा उत्पन्न होती है तो ऐसे समूहों (व्यक्तियों) द्वारा IPC की धारा 153A के तहत अपराधी होंगे। जिसे 3 वर्ष कारावास या जुर्माना या फिर दोनों भी हो सकते हैं। पूजा के स्थान आदि में वर्गो के बीच शत्रुता का दंगा जैसा कृत करने वाले समूह को 5 वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं ।

आईपीसी धारा 153बी के अंतर्गत राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले भाषण देना या लांछन लगाना अजमानतीय है, और संज्ञेय है। इसमें 3 साल की जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। यदि ऐसा अपराध सार्वजनिक पूजा स्थल पर किया जाए, तो यह अपराध गंभीर हो जाता है। इसमें 5 वर्ष की जेल और जुर्माना हो सकता है। यह भी संज्ञेय किस्म का अपराध है और यह गैरजमानती भी है।

बताते चलें कि 15 अप्रैल को पन्ना पुलिस साइबर सेल द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गए थे जिसमे उल्लेख है कि किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक,व्हाट्सएप्प,इंस्टाग्राम पर किसी भी धर्म, जाति, समाज, लिंग के विरुध्य पोस्ट करना तथा उसपर लाईक,शेयर करना, कमेंट करना, टैग करना सामाजिक शान्ति भंग करने का कृत्य है। इसकी रोकथाम के लिये बाकायदा एक नंबर जारी किया गया है कि जिसपर ऐसे लोगों की शिकायत करने पर नाम और पता गुप्त रखने की बात कही गई है। किंतु उक्त प्रकरण में पुलिस को सूचना देने के बाद लिखित आवेदन पत्र माँगा गया और घंटों की मशक्कत के बाद मामला दर्ज किया गया। साइबर सेल ऐसी घटनाओं पर नज़र रखने के लिये क्या कर रही है और उसने अब तक कितने ऐसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की है जो समाज में नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं। इस संबंध में पन्ना पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गए लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।