जहांगीरपुरी में चले बुलडोजर के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुआ एनसीएचआरओ

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जहांगीरपुरी में बुलडोजर द्वारा के इमारतें ध्वस्त करने के खिलाफ जंतर मंतर पर धरने में शामिल हुआ एनसीएचआरओ

{sarokaar news} – देश में बुलडोजर प्रथा की शुरुआत कर भाजपा सरकार वर्ग विशेष के लोगों में भय का वातावरण निर्मित कर रही है और बिना जांच पड़ताल और कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार करते हुये नागरिकों के घरों को तोड़ रही है। भाजपा सरकार यह समझती है कि ख़ास धर्म के लोगों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई से उनका वोटर एक तबका बहुत खुश होता है इसलिये सरकारें यह गैरजरूरी और गैरकानूनी रूप से कदम उठा कर नागरिकों के मौलिक अधिकारों का घोर हनन कर रही हैं। भाजपा की बुलडोजर कार्रवाई की चौतरफा आलोचना होने के बाद भी नागरिकों के अधिकारों को रौंदने में सरकार संकोच नहीं कर रही है। सरकार की दमनकारी और असंवैधानिक कार्रवाई के विरोध में आज जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया गया। मानवाधिकार संगठन नेशनल कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन (एनसीएचआरओ) दिल्ली समन्वयक इशू जायसवाल ने जानकारी देते हुये कहा कि —-

14 मई 2022 को जंतर मंतर पर कुछ हफ्ते पहले जहांगीरपुरी में किए गए विध्वंस अभियान के खिलाफ संयुक्त विरोध प्रदर्शन किया गया।

विरोध प्रदर्शन में कई राजनीतिक संगठन शामिल हुए। विध्वंस अब बढ़ता जा रहा है और अन्य क्षेत्रों में भी हो रहा है। मानवाधिकार संगठन नेशनल कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन (एनसीएचआरओ) इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ।

विकास के नाम पर लोगों को विस्थापित करना भारतीय राजनीति में लंबे समय से एक प्रथा रही है। हालाँकि, इन विध्वंसों में बदला लेने का पहलू थोड़ा स्पष्ट है। मुसलमानों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

हम मांग करते हैं कि जिन लोगों के घर और दुकानें तोड़ी गई हैं, उन्हें तत्काल मुआवजा दिया जाए. नफरत की राजनीति हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

हम अन्य प्रगतिशील संगठनों से भी इस फासीवादी शासन के प्रति अपना प्रतिरोध जारी रखने की अपील करते हैं।