चाय वाले की काली करतूत, मासूम के साथ करता था अश्लील हरकत
11 वर्षीय बालिका के साथ अश्लील हरकत कर जान से मारने की देता था धमकी
अदालत ने अपराधी को सुनाई 5 साल की कठोर सज़ा
पन्ना – {sarokaar news} समाज में बच्चों के प्रति बढ़ती लैंगिक हिंसा ने हमें सोचने पर मज़बूर कर दिया है। इस दिशा में कई स्वयंसेवी संस्थाएं काम कर रहीं हैं जिनके द्वारा बच्चों को यह बताया जा रहा है कि कोई परिचित अथवा गैर परिचित जब उन्हें छूता है तो बच्चे यह समझ सकें कि उसकी नियत क्या है, जिसे बेड टच कहा जाता है। बच्चों के साथ लैंगिक अपराध को अंजाम देने वाले अपराधी जानते हैं कि बच्चे ज्यादा विरोध नहीं कर पाएंगे इसी बात का फायदा उठाकर कुंठित मानसिकता के अपराधी बच्चों को अपना निशाना बनाते हैं। समाज में घटित हो रहीं इस तरह की घटनाएं सिर्फ कानून बनाकर नहीं रोकीं जा सकतीं है । इसके लिए समाज में जागरूकता सहित नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देकर ही काबू में किया जा सकता है।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी आशुतोष कुमार दिवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना-देवेन्द्रनगर में 11 वर्षीय बालिका की माँ ने आवेदन पत्र दिया जिसमे उल्लेख था कि मेरी बेटी देवेंद्रनगर के एक स्कूल में पढ़ती है रास्ते में पप्पू जैन की चाय की दुकान है जो मेरी बेटी को बुलाकर उसके साथ अश्लील हरकत करता है तथा किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देता है। पीड़िता की माँ की रिपोर्ट पर
थाना-देवेन्द्रनगर में अपराध क्र. 319/18 पर धारा 354,506 भा.द.वि. एवं 7/8 पास्को एक्ट के अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
पुलिस द्वारा मामले की छानबीन के दौरान पीडिता के धारा 164 दप्रसं के अन्तर्गत कथन न्यायालय में कराये गये,घटना-स्थल पर जाकर घटना स्थल का सूक्ष्म परिक्षण कर अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
मामले की सुनवाई न्यायालय श्री अमिताभ मिश्रा, विशेष न्यायाधीश, जिला-पन्ना (म.प्र.) के न्यायालय में हुआ, अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत तर्को और न्यायिक-दृष्टांतों के आधार पर न्यायालय नें आरोपी को दोषी पाया। न्यायालय से, अभियोजन के द्वारा आरोपी सतोंष उर्फ पप्पू जैन को कठोर से कठोर दण्ड से, दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। न्यायालय के द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए अभियुक्त संतोष उर्फ पप्पू जैन पिता अमृत लाल जैन, उम्र-34 वर्ष, निवासी-चांदनी चौक, देवेन्द्रनगर जिला-पन्ना को धारा 354 भा.द.वि.,धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 3000 रूपये का अर्थदण्ड से दंडित किया गया एवं धारा 506 भाग 2 भादवि में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। इस पूरे प्रकरण में प्रकरण में शासन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह के द्वारा सशक्त पैरवी करते हुए इस घृणित अपराध के अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।